कैसे रखे अपने विचार

कैसे रखे अपने विचार

इंसान की प्रवृत्ति से ही उसके वास्तविक गुणों की गिनती होती है। प्रवृत्ति में ही आशावाद और निराशाबाद के बीज छिपे होते है। समसायिक परिस्थितियो  के प्रति इंसान का व्यवहार और नजरिया एक खुश और एक नाखुश इंसान के बीच सबसे बड़ा अंतर पैदा करता है। लेकिन सवाल ये है के हम अपने आपको परिवर्तन करे तो करे कैसे? अपने विचार कैसे रखे? आपके इसी समस्या का समाधान करने के लिए हम आज कुछ दमदार और सरल तरीके लेकर आये है जिसे पढ़कर आप लोग अपने अंदर की बुरी आदतों को बहार निकाल पाएंगे और अपने आप में बड़ी आसानी से परिवर्तन कर पाएंगे। तो आईये जान लेते है की किन किन तरीको को अपनाकर हम अपने आपको बदल सकते है। आपको ये कोशिश करनी होगी कि कि आप अपने आप पर नियंत्रण रखे। हालत चाहे जैसी भी हो आपको वही फैसला लेना है जो सही हो। कभी कभी हमारा मन हमसे वो करने को कहता है जो गलत है लेकिन फि भी हम अपने आपको उस काम को करने से रोक नहीं पाते। लेकिन हमें खुद पर नियंत्रण रखने की कोशिश करनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर हम अपने आपको आसानी से परिवर्तन कर सके।

आप जो भी फैसला ले उस फैसले पर हमेशा अटल रहे याने की एक पल फैसला लेकर उसे दूसरे ही पल बदलने की इच्छा ना करे अगर आप बार बार अपने फैसले को बदलते रहे तो समझ लीजिये की आपका सवभाव बहुत चंचल है और ऐसे सवभाव के लोगो के लिए किसी भी काम को गंभीरता के साथ करना काफी कठिन होता है। खुद को परिवर्तन करना एक बहुत ही संवेदनशील पदार्थ है। इसलिए आपको अपने सवभाव में थोड़ी सी गंभीरता लेने की ज़रुरत है ताकि ज़रुरत पड़ने पर आप बड़ी आसानी से खुद का परिवर्तन कर सके। खुद को परिवर्तन करना कोई आसान काम नहीं है इस काम को करना सब के बस की बात भी नहीं है। इसके लिए काफी हिम्मत हुए हौसला रखने की ज़रुरत होती है। अगर आपको भी कभी ऐसा महसूस हो की आपके अंदर कोई बुरी आदत है और आपको खुद को बदलने की है तो आप कभी भी हौसला मत छोड़िये। अपने आपको परिवर्तन करने की कोशिश आपके लिए काफी कठोर साबित हो सकती है लेकिन अगर आप हिम्मत और होसले के साथ आगे बढ़ेंगे तो आप निश्चय ही अपने आपको परिवर्तन करनेme कामयाब हो जायेगे।

कभी कभी हमारा अहंकार हम पर इतना भारी हो जाता है की हम सही और गलत में फर्क ही नहीं कर पाते। अगर हम कुछ ऐसा करते है जो गलत हो और कोई दूसरा इंसान हमें ये अहसास भी दिलाता है की हम गलत है फिर भी अपने अहंकार के चक्केर में हम उस इंसान की बातो को नज़र अंदाज़ कर देते है। ऐसी हालत में खुद को परिवर्तन करना तो दूर की बात है इसलिए हमें अपने अहंकार को खुद पर कभी भारी नहीं होना चाहिए ताकि ज़रुरत पड़ने पर हम अपने आपको आसानी से परिवर्तन कर सके।


सकारात्मक सुझाव ->>
सुझाव 1 ->> ये सही है कि हर समय हर कोई खुस नहीं रह सकता है। लेकिन कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी खुशियों को निचोड़ लेने का कॉन्फिडेंस होना चाहिए

सुझाव 2 ->> निराशवादी लोगो को विभिन वस्तुओ या परिस्थितियों के प्रति नज़रिये में पतिवर्तन लाना चाहिए

सुझाव 3 ->> आये दिन हम सभी किसी ना किसी टॉपिक पर नाराज तो होते ही है। कभी कभी इस कारण से पूरा दिन खराब हो जाता है। लेकिन बेहतर सोच और समय के साथ भयंकर परतीत होने वाली घटनाये भी छोटी लगने लगती हैं

सुझाव 4 ->> परिवार में किसी प्रिय की डेथ या कोई बड़ी दुर्घटना हो जाने पर ऐसा लगता है की मनो पहाड़ टूट गया हो। किन्तु समय गुजरने के बाद इसका असर कम होता जाता है। धीरे धीरे हम इस बात को स्वीकार कर लेते है की इस तरह की घटनाओ को टाला नहीं जा सकता।

सुझाव 5 ->> एक बूरा बॉस या झगड़ालू औरत या पति आपको थोड़े समय के लिए परेशान कर सकते है। लेकिन जब आप जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया अपना लेते है तो किसी भी मुश्किल परिस्थितियों से निकलना मुश्किल नहीं होता।

सुझाव 6 ->> प्रतिकूल परिस्थितियां निपटने का अच्छा तरीका ये है की आप सकारात्मक और विजय प्राप्त करने वाले विचारों से काम ले


सुझाव 7 ->> सकारात्मक विचार पर आदी रहने का मतलब होता है आधी जंग जीत लेना। सकारात्मक विचारो को अपनाकर ही सफलता और असफलता के बीच अंतर को बाँट सकते है

सुझाव 8 ->> जरूरी नहीं है की हर परिस्थितियों में सफलता ही मिले। लेकिन हर परिस्थितियों से लाभ तो लिया ही जा सकता है सकारात्मक व्यवहार हमें सभी तरह की परिस्थितियों से मूल्याङ्कन की क्षमता प्रदान करता है।


0 comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.