कैसे करे पढ़ाई - जानिए हिंदी में

कैसे करे पढ़ाई

हमने अपने पिछले आर्टिकल में लिखा था कि परीक्षा में शीर्ष कैसे करे। आज हम आपको बताएंगे की परीक्षा के लिए सही रूप से पढ़ाई कैसे करे और इतिहास कैसे बनाये। सबसे पहले पढ़ाई में मन ना लगने के कारण का पता लगाना चाहिए की आखिर पढाई में मन क्यों नहीं लग रहा है कुछ लोगो का मानना है की कुछ साधारण कारण ये हो सकते है|
पढ़ाई का साधारण माहौल होना।
पढ़ने का सही टाइम ना होना।
पढ़ने के लिए सही सामान का ना होना।
सही मार्गदर्शन का ना होना।
दूसरे कार्यो में व्यस्त।
एकाग्रता का कम होना।
आत्मविश्वास का ना होना।
पढ़ाई का साधारण माहौल होना।
पढ़ने का सही टाइम ना होना।
पढ़ने के लिए सही सामान का ना होना।
सही मार्गदर्शन का ना होना।
दूसरे कार्यो में व्यस्त।
एकाग्रता का कम होना।
आत्मविश्वास का ना होना।

कैसे करे पढ़ाई - जानिए हिंदी में

कारण ->> हमारी वेबसाइट टीम के सदस्यों के द्वारा ऊपर लिखे गए कारणों से लोग नहीं पढ़ पाते, इनके अलावा भी अन्य दूसरे कारण जो अलग अलग लोगो के अलग हो सकते  है आज इन्ही साधारण कारण पर बात करते है इन सभी कारणों में सबसे महत्वपूर्ण कारण है सही मार्गदर्शन का ना होना। सही मार्गदर्शन का प्रतियोगी की परीक्षा में सबसे महत्वपूर्ण कारण की जगह है। जैसे आपको अगर दिल्ली जाना हो, और आपको सही रास्ता मालूम नहीं है, अगर आपको सही मार्गदर्शन नहीं मिला तो हो सकता है की आप किसी तरह से दिल्ली पहुंच भी जाये लेकिन इसमें आपका बहुत ज्यादा समय और पैसा भी बेकार हो सकता है मगर सही मार्गदर्शन मिलने पर आप समय के साथ पैसा भी बचा सकते है और अपने लक्ष्य पर भी समय से पहुंच सकते है।


सही ढंग से तैयारी शुरू करने के लिए एक सही मार्गदर्शन बहुत ज़रूरी है। कई बार हम कठिन काम और बहुत कोशिस तो करते है लेकिन सफल नहीं हो पाते। दूसरी तरफ कुछ लोग कठिन काम कम करते है फिर भी वो सफल हो जाते है। इसका कारण उनका सही मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण प्रयाश होता है। जैसे अगर हम कील को उल्टा पकड़कर कितना भी जोर से दिवार में ठोके वो नहीं ठुक सकती है। अगर उसे सीधा कर देंगे तो वो थोड़ी कोशिस करने पर ही आसानी से ठुक जाती है। इसी तरह प्रतियोगी का सही रस्ते में सही सही कोशिस करना बहुत जरूरी है।

तरीके ->> सबसे पहले तो पढ़ने के लिए एक लक्ष्य होना बहुत ज़रूरी है ये हमारे लिए एक प्रेरणा का काम करता है अगर टारगेट निराश्रित है तो हमारी सफलता डाउटफुल होगी। एक टारगेट होना बहुत ज़रूरी है। एक से ज्यादा टारगेट होने पर मन भटकता है और पढ़ाई में मन नहीं लगता है। अब लक्ष्य ठीक करने के बाद सही तैयारी जरूरी है मतलब हमें अपने टारगेट के बारे में पूरी जानकारी जुटानी होगी, की परीक्षा कैसे होगी
पाठ्यक्रम क्या है?
पैटर्न किस तरह का है?
प्रश्न किस तरह के आते है?
सबक सारांश खा से मिलेगा, कैसे मिलेगा?
तैयारी की रणनीति क्या होगी?
सफलता के लिए कितनी मेहनत ज़रूरी है?
सफल लोगो की क्या प्लानिंग रही थी ?


अगर हम इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढ लेते है तो हमारी परेशानी का आधा हल हो जायेगा। अब आधे हल के लिए हमें अपने कार्यक्रम को सेट करना होगा। मतलब स्व: प्रबंधन, अगर हम खुद को सही तरीके की प्रतियोगिता के हिसाब से नहीं बदल पाते तो सफल होने में शक होगा। हमें अपनी पढ़ाई का समय और घंटे अपनी क्षमता के अनुसार ठीक करने होंगे। सही समय की अवधि के साथ पालन करना होगा इसके लिए हम आदर्श इंसान, आदर्श आर्टिकल्स, आदर्श किताबे आदि की सहायता ले सकते है।

महत्वपूर्ण बातें ->>
पढ़ाई हमेशा कुर्सी मेज पर बैठ कर करे, बेड पर लेटकर बिलकुल भी ना पढ़े। लेटकर पढ़ने से पढ़ा हुआ कभी दिमाग में नहीं जाता, उल्टा नींद आने लग जाती है।
पढ़ते समय टेलीविज़न ना चलाये और रेडियो और गाने भी बंद कर दे।
पढ़ाई के समय मोबाइल स्विच ऑफ कर दे या फिर शांत अवस्था में रखे मोबाइल पढ़ाई का दुश्मन है।
पढ़े हुए पाठ को लिखते भी जाये इससे आपकी एकाग्रता भी बनी रहेगी और भविष्य के लिए नोट्स तैयार हो जायेगे।
कोई भी पाठ कम से कम 3 बार पढ़े।
रटने की आदत से बचे, जो भी पढ़े उस पर थोड़ा विचार जरूर करे।
छोटे नोट्स ज़रूर बनाये जैसे की वो परीक्षा के समय काम आये।
पढ़े हुए पाठ पर सोच और चर्चा करे अपने दोस्त के साथ समूह में चर्चा करना बहुत ही ज़रूरी होता है।
पुराने प्रश्न पत्र के अनुसार ज़रूरी टॉपिक को चुने और उन्हें अच्छे से तैयार कर ले।
सही फल ले क्योकि ज्यादा फल खाने से नींद हुए आलास आने लगता है जबकि कम फल लेने से पढ़ने में मन नहीं लगता है, और थके हुए दिमाग पर आदि प्रॉब्लम जाती है।
तस्वीर, नक्शा, ग्राफ आदि की सहायता से पढ़ाई करे। ये ज्यादा समय तक दिमाग में रहता है।
पढ़ाई में कंप्यूटर और इंटरनेट की सहायता ले सकते है।


पढ़ाई के नोट्स हाथों से लिखे ->> किसी के बने बनाये नोट्स की बजाए अपने नोट खुद बनाये और उन्हें अपने हाथों से लिखे ऐसा करने से हमारे दिमाग में उस विषय की बहुत सी बाते याद हो जाएगी। क्योकि याद करने की सबसे अच्छी विधि लिखकर याद करना ही है। ऐसा करने के बाद जब आप उस विषय को याद करने के लिए बैठेंगे तो आपको याद करने में आसानी होगी।

अचानक ही अपनी परीक्षा स्वयं लीजिये ->> ये देखने के लिए की आपको त्याद हो रहा है की नहीं समय समय पर अपनी परीक्षा आप खुद ही लेते रहिये। आप अपनी परीक्षा प्रश्न पत्र खुद ही तैयार कीजिये और उसमे वो प्रश्न भी रखिये जो आपको सबसे कठिन लगते हो। इसके बाद आप उन प्रश्नो को हल करने बैठिये और पता कीजिये की आप उन्हें खा तक हल कर पाए है। जिस जगह पर आपको कठिनाई प्राप्त हो उस को परीक्षा ख़तम होने के बाद ज्यादा ध्यान देकर पढ़िए।


पढ़ाई में नियमित विराम लीजिये ->> लगातार पढ़ने की बजाय बीच बीच में पढ़ाई से विराम लेते रहे। ऐसा करना आपके पढ़ाई के प्रति ध्यान को और आपकी कार्यकुशलता को बढ़ता जायेगा। इसलिए प्रत्येक 60 मिनट की पढाई पर 10 मिनट का विराम लीजिये।

अपने आप को पुरस्कृत कीजिये ->> पढ़ाई शुरू होने से पहले एक लक्ष्य बना ले और अपने आप से कहें की यदि अपने इस लक्ष्य को पूरा कर लिया तो आप पुरस्कृत होंगे। ये पुरस्कार आपके मन को खुश करने वाली कोई भी बात हो सकती है जैसे थोड़ी दूर तक की वाक, अच्छा नाश्ता, मनपसंद गाना सुन्ना, मनपसंद व्यायाम, अपने पसंद की किताब पढ़ना।


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