डर को कैसे दूर भगाएं - इन हिंदी

डर को कैसे दूर भगाएं

आइये आज हम आप लोगो को बताने जा रहे है की डर को कैसे दूर करे हिम्मतवान बने आप तो जानते ही है की बिना किसी काम को किया तो आपकी ना कोई इज्जत करता है और ना ही  भी प्रकार का मान सम्मान मिलता हे। लेकिन आपको करना क्या? इसी के पशु पेश में आप या तो गलती करते है या उस काम को करने से पहले ही हार मान लेते है या आप डरे डरे से रहते है। आपको उसी डर को निकालना होगा हमें ना सिर्फ खुद को भयमुक्त करना होगा, बल्कि दुसरो को भी भय और निडर बनाना होगा। विश्व में बहुत ही कम निडर व्यक्ति पाए जाते है। भले ही आप लोग माने या ना माने कि इस पृथ्वी पर भूत, प्रेत, बाधा जैसी कुछ अनेक प्रकार की चीजें नहीं होती हैं पर समय-समय पर ये चीजें अपनी उपस्थिति की गवाही देती हैं जिससे आम व्यक्ति के बीच अलग प्रकार की घबराहट होने लगती है जिसे आप लोग डर के नाम से जानते है। डर शारीरिक या भावनात्मक खतरे से सबंधित होता है। शारीरिक डर का सबंध किसी अलग ही प्रकार की चीज जो देखने में अजीब लगती हो उस चीज का सामना करने की क्षमता होने से होता है, वहीं भावनात्मक डर एक मनोवैज्ञानिक समस्या के कारण होता है।

डर को कैसे दूर भगाएं - इन हिंदी

आज हम अपने इस लेख में आप लोगो को ये बताएंगे की डर को कैसे दूर भगाया जा सकता है। डर बहुत लोगो का रक बहुत बड़ी मुसीबत होती है। ऐसे लोग जहां भी जाते है जिस काम के लिए भी आते है, हमेशा डरते रहते है। आयी लोगो को चाहिए की वो लोग अपने मन से उस दर को कैसे भी करके भर निकाल दे। लेकिन सवाल तो ये की वो लोग अपने मन से उस डर को भार निकाले तो निकाले कैसे। ऐसे हालात में हम आप लोगो की थोड़ी सी हेल्प करना चाहते है इसलिए हम आज का ये लेख लेकर आप लोगो के लिए हाजिर हुए है ताकि इस लेख को पढ़कर आप लोगो को भी ये पता चल दये की हम कैसे अपने मन से डर को भार निकाल सकते है। डर ज्यादातर उन व्यक्तियों को लगता है जो दिल से कमजोर होते है जो किसी भी अजीब चीज को देखकर उसके बारे में गलत सोचने लगते है वैसे तो डर लगना बहुत ही आम बात ही है पर आप यदि अधिक डरते हैं या आपको लगे कि आपको रात में सोते समय बुरे या डरावने सपने आते हैं और आप बहुत ज्यादा घबरा जाते हैं, अकेले अंधेरे में जाने से भी डर लगता है तो यह समाधान आपके लिए ही हैं।


अगर आप अपने डर को पूरी तरह से भगाना चाहते है तो आप जो भी करे अपने उस काम के ऊपर विश्वास रखे और अपने आप पर गर्व करे। अगर हमने अपने आप पर या अपने किये गए काम के ऊपर भरोसा नहीं रखेंगे और हमेशा अपने आप पर या अपने किये गए काम पर शक करते है तो हम हमेशा डरे डरे और सहमे सहमे रहते है और तब आप अपने आत्मविश्वास स्तर को ज्यादा विकसित  करने में सफल नहीं हो पाते है भरोसा करिये इन तरीको को पढ़कर आप लोगो को ज़रूर सहायता मिलेगी और निश्चित रूप से आप लोग अपने मन से डर को भर निकालने में सफल हो जायेंगे।


अपने व्यक्तित्व पर ध्यान दे ->>   आप हमेशा अपने लिए कोई ऐसी ड्रेस छूने जो सबसे हटकर और अद्वितीय हो। अगर आप अपने लिए कोई ऐसी ड्रेस चुनेगे जिसको पहनने के बाद आप सबसे हटकर और अद्वितीय दिखेंगे और तब हर कोई आपको देखकर थोड़ा नहीं तो थोड़ा अफेक्टेड ज़रूर होगा और तब कोई भी इंसान आपके पास आकर आपसे बात करना चाहेगा और जितना ज्यादा आप लोगो से घुल मिलेंगे और और जितना ज्यादा आप लोगो के साथ बात चीत करेंगे उतना ही आपका डर दूर भागेगा और उतना हीउ आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ता चला जायेगा। और ऐसे करते करते एक वक़्त ऐसा आएगा जब आपके मन का डर पूरी तरह से गायब हो जायेगा।

मेडिटेशन करे ->> मेडिटेशन करना भी डर को दूर भगाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप लोग अपने मन से डर को दूर भागना चाहते हो तो आप लोग रोज मेडिटेशन करने की आदत डाल लीजिये। मेडिटेशन करने से आप लोगो का आत्मविश्वास स्तर बहुत ज्यादा और बहुत जल्दी बढ़ जायेगा आप लोगो का डर हमेशा हमेशा के लिए ख़तम हो जायेगा और आपका डर पूरी तरह से ख़तम हो जायेगा तब आप लोग अपना हर एक काम फुल आत्मविश्वासी होकर कर पाएंगे।

सहायता के लिए तत्पर रहे ->> दूसरों की रक्षा करनी चाहिए। लेकिन जो खुद ही फटेहाल, डरपोक होता है वो दुसरो को क्या सहायता देगा दुसरो को निर्भय बनाने की बात कहने वाला अगर खुद डरपोक हो तो उसका क्या परिणाम निकलेगा ये तो आप स्पष्ट रूप से जानते ही है। भयमुक्त जीवन जीना भी एक कला से काम नहीं है। जिसका आसान तरीका ये है की आप सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर रहे जिससे आपको हौसला मिलेगा।


सकारात्मक सोचे ->> भयमुक्त होना एक प्रकार की साधना है खुद को भयमुक्त करने के लिए आपको हमेसास अभ्यास करना होगा। इसके लिए पहले दिन से  अभय बनने का प्रयास करना होता है। एक रात में अभय बनने का प्रयास करना होता है एक रात में अभय बनने का प्रयास करना पड़ेगा इसे इस तरह समझ सकते है की पहले हम दिन में किसी कमरे में अकेले रहे या किसी भी वर्क को आप अकेले करने का प्रयास करे फिर रात की उस कमरे के भर रहे। इसके बाद अंदर कमरे में अकेले रहे और फिर समसान में जाकर दिन में घूमते रहे, फिर उसी समसान में रात में रहे।

जो इंसान अँधेरा होते ही डरने लगता हो वो दुसरो को कैसे भयमुक्त की रोशनी दे सकता है। ये ज़रूरी नहीं की आप इसे करे पहले आप उन लोगो से मिले जो पूरी तरह सकारात्मक विचार रखते हो क्योकि भय और डर हमेशा नकारात्मक लोगो पर ज्यादा प्रभाव डालता है।


निडर रहे ->> ये बात भी याद रखनी चाहिए कि जो इंसान जितना ज्यादा भयभीत होता है, वो उतना ही हिंसक हो जाता है। ऐसा इंसान बहुत ही खतरनाक होता है। वो किसी की हत्या करे या नहीं, सबसे पहले अपने आप की हत्या कर लेता है। जो अभय निडर बनेगा वो किसी के प्रति बेर विरोध का व्यवहार नहीं कर पायेगा, बल्कि दुसरो की सहायता के लिए भी आगे आएगा। डर से मुक्त निर्भय इंसान अपने आप में एक आर्मी की तरह होता है जो डर की पूरी फ़ूज को मात दे सकता है। ना तो किसी अन्य के प्रति ना खुद के प्रति। ऐसा इंसान ना किसी को सताता है ना किसी को मारता है। वो इंसान भय और बेर से मुक्त होकर अपने टारगेट की तरफ बढ़ता है।

डर लगने वाले काम पहले करें ->> आपको चाहिए कि आप उन चीजों को उन कामो को पहले करने की कोशिस करे जिससे आपको दर लगता है। क्योकि कुछ किये बिना ही आपको आपकी मंजिल नहीं मिल सकती मंजिल को पाने के लिए आपको अपने आप पर विश्वास करना होगा और दुसरो में भी विश्वास जगाना होगा। अपनी सोच की सकती में सिर्फ सकारात्मकता को जन्म देना होगा जिससे आप डर भय को अपने और दुसरो के जीवन से कोसो दूर भगा सकते है।


आत्मविश्वास बढ़ाये ->> आप को कोई नहीं मार सकता क्योंकि आत्मा अजर अमर होती है जिस शक्ति की इज़ाज़त के बिना पत्ता भी पेड़ से नहीं टूटता उस शक्ति के बिना क्या कोई नुक्सान पहुँचता या कोई मार सकता है। तो फिर बेवजह का डर केसा इसलिए आप जो भी काम करे पुरे आत्मविश्वास और नेचुरल की शक्ति पर भरोसा रखकर करे। डर आपका आत्मविश्वास देखकर आपसे कोसो दूर भागता जायेगा। क्योकि डर के आगे जीत है।


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