अपनी पहचान बनाने के आसान तरीके

अपनी पहचान बनाने के आसान तरीके

दोस्तों जब आपकी जान पहचान आपके माँ-बाप, भाई-बहन,आस पास वालो से ना होकर उनकी पहचान आप से होने लग जाये, तो ये जान लीजिये कि आपके घर ,परिवार, आप पड़ोस, में आपकी एक अलग तरह की पहचान है। अपनी पहचान अपने व्यवहार से प्रकट होती है। हम खुद के लिए क्या सोचते है, समाज के लिए क्या सोचते है, इससे हमारी लोगो में एक पहचान बनती है। चलिए जानते है की अपनी पहचान कैसे बनाये। अपनी पहचान के साथ जीने की फीलिंग और किसी और की पहचान के साथ जीने की फीलिंग के बीच क्या फर्क होता है। ये सिर्फ वही लोग समझ सकते है जो अपनी एक अलग पहचान के साथ जीते है या जिसके पास अपनी एक पहचान होती है अपनी पहचान होने की खुसी ही कुछ और होती है। हर इंसान अपनी कोई ना कोई पहचान बनाना सोचता है उसे लगता है कि वो भी किसी प्रसिद्ध सेलेब्रिटी व्यक्ति की तरह वो भी पहचाना जाए लेकिन उन व्यक्तियों को ये मालूम नहीं रहता कि वो अपनी पहचान कैसे बना पाएंगे। तो घबराने की बात नहीं है, आप भी अपनी अलग पहचान बना सकते हैं तो आइए जानते हैं। व्यक्ति कैसे भी व्यवहार का हो कोई भी होसदैव  अपने परिणामो से पहचाना जाता है चाहे वह कितना भी अच्छा हो या फिर कितना भी बुरा लेकिन वह अपनी पहचान के माध्यम से ज्यादा जाना जाता है और ये पहचान बनाना आपके खुद के ऊपर निर्भर होता है।

अपनी पहचान बनाने के आसान तरीके

जब भी कोई इंसान हमें सिर्फ हमारे नाम और पहचान से पहचानता है और सिर्फ हमारे नाम और पहचान से हमें बुलाता है तो हमें अपने आपके ऊपर बहुत गर्व महसूस होता है हर कोई ये चाहता है उस की अपनी एक पहचान हो और वो अपनी पूरी जिंदगी को अपनी पहचान के साथ जिये। लेकिन सवाल तो ये है की आखिर हम अपनी पहचान बनाये तो बनाये कैसे? हम भी बस यही चाहते है की आप लोगो के पास भी आपकी अपनी एक पहचान हो और आप लोग अपनी पहचान के साथ जिए। यदि आप अपनी पहचान सबसे अलग और अच्छी बनाना चाहते हो तो आपको सदैव अपनी आदतों को दूसरों से अलग ही रखना होगा, आप किसी भी काम को करो लेकिन दूसरों से अलग तरीके से करो। इसलिए आज का ये स्पेशल लेख हम आप लोगों के लिए लेकर आये है। हमें पूरी उम्मीद है की इन तरीको को ध्यान से पढ़ने के बाद आप लोगो को ये अच्छी तरह से समझ में जायेगा की अपनी पहचान बनाने के लिए हम किन किन तरीको का पालन कर सकते है।


अगर आप लोग भी भीड़ में अपनी एक खास और अलग पहचान बनाना चाहते है तो आप अपनी कोई ऐसी आदत रखे जो सबसे अलग और अद्वितीय हो। आपकी आदत ही आपको सबसे अलग करेगी और आपकी एक अलग पहचान बनाने में सहायक बनेगी। अगर आपको सच में अपनी एक अलग और सबसे खास पहचान बनानी है  तो आप जो भी करे वो कभी दिखावे के लिए ना करे क्योकि दिखावे के लिए अगर आप कुवह भी करेंगे तो आप उस काम को पुरे दिल से कभी भी नहीं कर पाएंगे। अगर आप कोई भी काम दिल से नहीं करेंगे तो आपका वो काम कभी पूरा नहीं होगा और अभ्यास के बिना ना कोई इंसान आजतक अपनी पहचान बना पाया है और ना ही कोई बना पायेगा। इसलिए आप लोग वही करे जिस काम को करना आप लोगो के दिल को मंजूर हो तभी आप लोग अपनी एक पहचान बनाने में सफल हो पाएंगे।

अंदाज ->> हर किसी का अलग अंदाज होता है आपकी बात करने की तहज़ीब, आपकी बॉडी लेंगुएज, आपके चेहरे हाव - भाव आदि आपको दुसरो से अलग बनती है।


व्यक्तित्व ->> कुछ इंसानो में कुछ महत्वपूर्ण गुण या विशेषताएं होती हो जो किसी दूसरे इंसान में नहीं होतीं। इन्हीं गुणों या विशेषताओं की वजह ही कुछ लोग एक दूसरे से भिन्न होते है। लोगो के इन गुणों का समुच्चय ही इंसान का व्यक्तित्व कहलाता है। व्यक्तित्व एक मजबूत अवस्था होकर एक गत्यात्मक समष्टि है जिस पर परिवेश का प्रभाव पड़ता है और इसी वजह से उसमें परस्पर विनिमय सकता है। लोगो के रस्म-रिवाज, व्यवहार, क्रियाएं और गतिविधियों में लोगो का व्यक्तित्व चमकता है। इंसान का समस्त व्यवहार उसके वातावरण या परिवेश में समायोजन करने के लिए होता है।


सोच ->> आपकी विचारधारा किसी है इस पर औरों का आप से मिलना जुलना, आपके साथ केसा व्यवहार करना निर्भर करता है। तो अपने विचारो को सुधारे याद रखे हम जो सोचते है वही हमारे साथ होता है।

भावना ->> आपकी भावना कैसी है इससे आपकी पहचान बनती है आप किसी को मदद देना चाहते है लेकिन ईर्ष्या की वजह से आप कर नहीं पाते। इसलिए आपको अपनी भावनाओं को पहचानना होगा।


सपने ->> आपकी इच्छाएं आपको अलग बनती है इच्छाएं/ सपने जरूर देखे लेकिन उन्हें पूरा करने की कोशिस भी करे। ये आप लोगो के बीच एक मेहनती इंसान वाली पहचान बनाता है।

सामाजिक ->> आपका नाम जो आपके माता पिता से मिला है आपकी देशभक्ति आपको समँझ में रहने की नयी पहचान देती है।


स्वाभिमान ->> आपका स्वाभिमान आपको खुद संभालना है और दूसरों का भी जैसे अपने बच्चो को भी किसी के सामने मत डांटे क्योकि उन्हें भी बुरा लगता है जब स्वाभिमान दुखता है। क्योकि स्वाभिमान एक ऐसी चीज़ है जिससे आपकी खुशी, विजय, अच्छा होना आपके खुद से मापा जाता है।

आपका स्वाभिमान आपके भावना के अनुसार काम ज्यादा होता है। जैसे की आत्मविश्वास में कमी स्वाभिमान को कम करती है। लगातार नकारात्मक अनुभव भी स्वाभिमान काम होने का कारण बन सकता है। वही अगर कोई सकारात्मक अनुभव मिल जाये तो आपका स्वाभिमान बढ़ते पाया जाता है। तो हमें इस बात का ध्यान रखना ही के हम सकारात्मक रहे। इक उपाए है की आप एक बॉउंड्री बना ले जिससे आपके स्वाभिमान को ज्यादा नुक्सान ना पहुचाये।


दूसरों की मदद करें ->> दूसरों की मदद करो इससे आपकी समाज में अच्छी पहचान बनेगी। और हां जैसे को तैसा मिलता है आप दूसरों का आदर कर रहे हो तो आपको भी आदर सम्मान ज़रूर मिलेगा। आपके कठिन समय पर आपको समझ से मदत भी मिलेगी। जितना हो सके समाज के काम आओ इससे आपकी समाज में एक पहचान बनेगी। समाज आपका नाम हमेशा याद रखेगा। आखिर हम अपनी पहचान मर के भी अमर रहने के लिए ही तो बनाते है। उदाहरण के तोर पर देखा जाये तो गांधीजी ने यही तो किया है।

अपनी तुलना दुसरो से करे ->> अपने हमेशा देखा होगा की कुछ लोग बहुत खतरनाक आदत होते है - दूसरों से अपनी तुलना करने की हिम्मत रखते है। अपनी  गाड़ियाँ, घर, नौकरियां, पैसा, सामाजिक प्रतिष्ठा और कई चीजें दूसरों से तुलना करते रहते हैं, और फिर बाद में वो लोग अपने खुद के अंदर बहुत सारी नकारात्मक सोच और भावनाएं भर लेते हैं, जिनका बहुत ही बुरा प्रभाव उनकी जिंदगी पर पड़ने लगता है।


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