मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कहाँ से और कैसे करें
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कहाँ से और कैसे करें
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के लिए परीक्षाएं होती है अखिल भारतीय पूर्व चिकित्सा परीक्षा अप्रैल और मई महीनो में आयोजित होती है। राज्यों की प्रवेश परीक्षा मई और जून के महीनो में आयोजित की जाती है। डॉक्टर बनने के लिए परीक्षाओ में बहुत ज्यादा नंबर लाने होते है इसलिए इन परीक्षाओ की तैयारी के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है। आइये जाने की क्या है वो बाते। मेडिकल प्रवेश परीक्षा का सिलेबस यानि पाठ्यक्रम बहुत ज्यादा होता है इसलिए इसे समय पर ख़तम करने के लिए लक्ष्य बनाये और लक्ष्य में निर्धारित समय में ही सिलेबस को पूरा करे। इसके
अलावा,
उसे
इंग्लिश
का
भी
पूरा
ज्ञान
होना
चाहिए।
इस
परीक्षा
में
शामिल
हो
रहे
सभी
आवेदकों
की
ज़्यादा
से
ज़्यादा
उम्र
25 साल
से
अधिक
नहीं
होनी
चाहिए।
अनुसूचित
जाति
व
अनुसूचित
जनजाति
तथा
अन्य
पिछड़ा
वर्ग
से
संबंधित
आवेदकों
के
लिए
ज़्यादा
से
ज़्यादा
उम्र
सीमा
में
पांच
साल
की
रियायत
देने
का
भी
प्रावधान
बनाया
गया
है
।प्रतियोगी
परीक्षाओ
के
शुरू
होने
के
कुछ
दिन
पहले
सारी
पुस्तक
पढ़ने
की
कोशिश
न
करे
और
वो
ही
सामग्री
पढ़े
जो
परीक्षाओ
में
आती
है।
परीक्षा की तैयारी करने के लिए दुकानों पर उपलब्ध हर किताब को खरीदने की भूल नहीं करे। ज्यादा किताबे आपको भर्मित कर देगी और आप इतनी किताब पढ़ भी नहीं पायेगें। इसलिए जो किताब आप पहले से पढ़ते आ रहे है उनसे ही तैयारी करे।मेडिकल
की
परीक्षा
कठिन
होती
है
इसलिए
इसमें
कोचिंग
लेना
ज़रूरी
हो
जाता
है।
कोचिंग
में
आपको
वो
स्ट्रीक
बताये
जाते
है
जिनसे
आप
प्रशन
पत्र
आसानी
से
हल
कर
सकते
है।
लेकिन
किसी
भी
वर्ग
से
संबंधित
आवेदक
एंट्रेंस
में
सम्मिलित
किये
जा
सकते
हैं।
अगर
आप
कोचिंग
की
ज्यादा
फीस
नहीं
दे
सकते
है
तो
आप
हुए
आपका
दोस्त
कोचिंग
की
फीस
आधी
आधी
कर
आप
दोनों
में
से
कोई
एक
कोचिंग
पढ़
सकता
है
जो
अच्छा
समनझना
जनता
हो।
वो
कोचिंग
पढ़कर
आपको
समझा
सकता
है
ऐसे
उसका
अभ्यास
हो
जायेगा
और
आपकी
तैयारी
भी
हो
जाएगी।
कुछ
प्रमुख
कोचिंग
इंस्टिट्यूट
जो
मेडिकल
एंट्रेंस
की
तैयारी
करते
है
ब्रिलियंट
टुटोरिअल्स,
आकाश
इंस्टिट्यूट,
कारीरपॉइंट,
कोटा,
ओएसिस
एजुकेशनल
सर्विसेज,
विनेन्टरेन्स
है।
किसी भी विषय को अच्छा करने के लिए उसका आधार मजबूत करना जरूरी होता है। इसलिए सबसे पहले अपना उस विषय पर आधार मजबूत करे और तब ही उस विषय में आगे बढे जब आप उस विषय के आधार के बारे में सब कुछ जान चुके हो। अक्षर
पढ़ाई
में
कुछ
विषय
ऐसे
होते
है
जिनमे
हम
कमजोर
होते
है
और
हम
उन्हें
ये
सोच
कर
नज़रअंदाज़
कर
देते
है
बाकि
की
तैयारी
तो
हम
कर
ही
रहे
है।
लेकिन
याद
रखे
ऐसी
सोच
मेडिकल
एंट्रेंस
एग्जाम
में
बिलकुल
भी
नहीं
चलती
क्योकि
यहां
एक
एक
नंबर
से
सिलेक्शन
रुक
जाता
है।
इसलिए
अपनी
कमजोरी
को
पहचान
कर
उस
विषय
में
तब
तक
मेहनत
करते
रहे
जब
तक
की
आप
उसमे
अच्छे
नहीं
हो
जाते
है
और
तब
ही
आगे
बढे।
डॉक्टर
के आर्टिकल
पढ़ें ->> समाचार पत्रों में प्रकाशित डॉक्टरों के आर्टिकल और उनके जीवन के बारे में लेख पढ़े ये आपको जानने में मदद करेंगे की डॉक्टरोंne किस प्रकार तैयारी की थी इससे आपको प्रेरणा भी मिलेगी और आप दुगनी ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ जायेंगे।
पुराने
प्रश्न पत्र
हल करे
->> मेडिकल एंट्रेंस में पास होने के लिए आपको पुराने प्रश्न पत्र हल करने चाहिए। इनसे आपको अपनी कमजोरी का पता चलेगा और आप जान सकेंगे की आपकी तैयारी कितनी हुई है।
ज्यादा
तनाव नहीं
रखे ->> पढ़ाई और परीक्षाओं की तैयारी तनाव के साथ नहीं हो पाती है इसलिए ज्यादा तनाव नहीं रखे। अपने लिए समय निकाले और सारे दिन में कुछ ऐसा ज़रूरी करे जो आपकी रूचि का हो जैसे म्यूजिक सुने, कहानी पढ़े या कुछ देर टीवी देखे।
परीक्षा
में उत्तरों
को ध्यान
से भरे
->> परीक्षाओं में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के प्रश्न पत्र आते है जो वस्तुनिष्ठ प्रकार के होते है। यानि के प्रश्न पूछा जाता है और उसके 4 विकल्प दिए होते है। उनमे से 1 सही होता है और 3 गलत होते है। आपको सही विकल्प देना होता है सही विकल्प पर आपको नंबर मिलते है पर गलत विकल्प देने पर आपके नंबर कट जाते है। इसलिए उत्तर पत्रिका में विकल्पों को बहुत ध्यान से भरे।
खान पान का ध्यान रखें ->> सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने खान पान का ध्यान रखे। अगर आप स्वस्थ है तभी आप अच्छी तरह पढ़ाई कर सकते है इसलिए अपने खाने में पोस्टिक चीज़े खाये तथा अच्छी नींद ले जिससे आपका दिमाग तरोताजा रह सके।
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